tag:blogger.com,1999:blog-4434599267018181504.post8974082628689968291..comments2023-05-29T07:03:56.301-07:00Comments on Anubhav: अक्ल के टप्पू...anubhavhttp://www.blogger.com/profile/14984613598013820579noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4434599267018181504.post-26794834437104117532013-09-27T22:11:07.364-07:002013-09-27T22:11:07.364-07:00वाकई गजब सर, कहीं का निशाना, कहीं जाकर मार दिया, ग...वाकई गजब सर, कहीं का निशाना, कहीं जाकर मार दिया, गजब...AJAY KHANTWALhttps://www.blogger.com/profile/10628248820128391317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4434599267018181504.post-51152510607779105342013-09-23T05:35:30.522-07:002013-09-23T05:35:30.522-07:00आपने सही कहा ..हमे बीती से सीखने हेतु शास्त्रों मे...आपने सही कहा ..हमे बीती से सीखने हेतु शास्त्रों में बहुत दिया गया है.. पूर्वजों द्वारा अच्छे-बुरे कार्य हमारे लिए मार्गदर्शक हैं.. पितृ पक्ष मेरे विचार से वही सब याद दिलाने के निमित्त एक व्यवस्था है.. लेकिन विडंबना एक और भी है.. आखिर पितरों को याद किस मुंह से करें.. क्या जीवित अवस्था में हमने उनका मान-सम्मान किया... विडंबना है, बंगवाल जी <br />सुन्दर आलेख, बंगवाल जी VIJAY JAYARAhttps://www.blogger.com/profile/00532865752317065209noreply@blogger.com