xसारी दुनिया को देखा है हमने,
कोई नजरों को जचता नहीं है
सिर्फ मां का प्यार ऐसा है,,
जिसके मन में शंका नहीं है
उसने बुराई से लड़ना सिखाया।
उसने तूफां से भिड़ना सिखाया।
संकट की हर घड़ी में,
उसने सब्र का पाठ पढ़ाया।
एक मां तू ही ऐसी है,
जिसके मन में भेदभाव नहीं है।
मां की ममता को देखो रे,
बच्चों की खुशी में ही खुश है।
अपने कष्टों को छिपाकर,
बच्चों के कष्ट हरती है।
घर की नैया को चलाने में उसके,
हाथ पतवार से कम नहीं है।
सारी दुनिया को देखा है हमने
कोई नजरों को जचता नही है।
एक मां ही ऐसी मिली है,
जिसके जीवन में धब्बा नहीं है।
भानु बंगवाल
कोई नजरों को जचता नहीं है
सिर्फ मां का प्यार ऐसा है,,
जिसके मन में शंका नहीं है
उसने बुराई से लड़ना सिखाया।
उसने तूफां से भिड़ना सिखाया।
संकट की हर घड़ी में,
उसने सब्र का पाठ पढ़ाया।
एक मां तू ही ऐसी है,
जिसके मन में भेदभाव नहीं है।
मां की ममता को देखो रे,
बच्चों की खुशी में ही खुश है।
अपने कष्टों को छिपाकर,
बच्चों के कष्ट हरती है।
घर की नैया को चलाने में उसके,
हाथ पतवार से कम नहीं है।
सारी दुनिया को देखा है हमने
कोई नजरों को जचता नही है।
एक मां ही ऐसी मिली है,
जिसके जीवन में धब्बा नहीं है।
भानु बंगवाल
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