Wednesday, 22 August 2012

दंगा हुआ शहर में (कविता)

दंगा हुआ शहर में
लोग मारे गए
देखा सबने शहर में
हिंदू मरा
मुसलमान मरा
सिख मरा
ईसाई मरा
न देखा किसी ने
गरीब मरा शहर में
कर्फ्यू लगा शहर में
दुकानें बंद
दफ्तर बंद
रोटी बंद
रोजी बंद
अस्पताल रोया शहर में
दवा के अभाव में
बीमार मरा शहर में
चीनी महंगी
सब्जी महंगी
आटा महंगा
नमक महंगा
आदमी सस्ता शहर में
कोई न जान सका
दंगा क्यों हुआ शहर में..

भानु बंगवाल

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