Monday, 5 March 2012

हमको पहले से पता था जी।

अब से चौबीस घंटे बाद उत्तराखंड में विधानसभा के चुनाव के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। कौन जीतेगा या कौन हारेगा। यह तो समय ही बताएगा, लेकिन कई लोग तो ऐसे हैं जिनको पहले से ही मालूम है कि परिणाम क्या होगा। ऐसे लोग अंतरयामी होते हैं। उन्हें बात का पहले से पता होता है। किसकी सरकार बनने वाली है, वह पहले से जानते हैं। न जाने उन्हें कहां से पता चल जाता है कि खामोश रहने वाले मतदाता ने किसे वोट दिया। जो जीत रहा है तो क्यों जीत रहा है। हारने वाला क्यों हार रहा है। ऐसा नहीं है कि इन अंतरयामी लोगों का गणित गलत न हो। यदि हो भी जाए, तब भी उनका तुर्रा यह रहेगा कि उन्हें यह पता था। अपनी बात को सही ठहराने के लिए वह काफी गुंजाइश छोड़ कर रखते हैं। उनके आगे एक्जिट पोल भी गलत हो जाता है। चाय की दुकान हो या गली के नुक्कड़। सभी स्थानों पर ऐसे अंतर्यामी चौपाल जमाए नजर आ जाएंगे। आज तो हद हो गई। एक महाशय ने तो चर्चा की जंग में कई की जमानत ही जब्त करा दी। कमाल का नजरिया था उनका। देहरादून में बैठकर रुद्रप्रयाग के नतीजे निकाल रहे थे। उनकी पिटारे में तो न जाने कितने नेताओं का भाग्य छिपा था। अब जब नतीजे आएंगे और महाशय की बात उलट हो जाएगी, तब भी वह यही कहेंगे। हमको पहले से पता था जी।
                                                                                                                        भानु बंगवाल

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